बच्चों को बुरी संगत से बचाने के 5 उपाय

 

आजकल के जीवन  में अपने बच्चों के बारे में ख्याल रखना और उनकी आदतों के बारे में जानकारी रखना बहुत आवश्यक हो गया है।क्योंकि आजकल के जीवन क्रम में बच्चों को बुरी आदत लगना बहुत आम बात है। बुरी आदतें और बुरी संगत की वजह से अपने बच्चों को और उनका भविष्य खतरे में डालने से अच्छा है कि बच्चों की आदतें के बारे में और उनकी संगत के बारे में उनके मां-बाप को यह बातें बातों की जानकारी अवश्य रहे की अपना बच्चा क्या कर रहा है।

       


माँ–बाप सतर्क रहे👉 अपने बच्चों को बुरी संगत से बचाने के  लिए उनके मां-बाप को अपने बच्चों के बारे में पूरी जानकारी रहना आवश्यक है। अपने बच्चों को जरूरी वक्त देना यह भी अनिवार्य है,क्योंकि जब अपने मां-बाप से बच्चों को उनका जरूरी वक्त नहीं मिलता तब बच्चे दूसरे के संगत में जाने  लगते हैं।हमें यह चाहिए कि हमारा बच्चा आज दिन भर में उसने क्या-क्या किया और कौन-कौन सी उसने काम किया और कभी बच्चा उदास है।खुश है इसके बारे में अपने मां-बाप को बच्चों के बारे में जानकारी लेनी चाहिए।अपने बच्चों के बारे में जानकारी होने के बाद ही आप अंदाजा लगा सकते हैं कि बच्चे कौन सी संगत में है,क्योंकि बच्चा स्कूल में या घर के नजदीक जिन लड़कों के साथ में खेलते या फिरता रहता है तो आप उन लड़कों के संगत के अंदाज से लगा सकते हैं क्या आपका बच्चा कौन से संगत में है। तो आप वक्त रहते ही अपने बच्चों को बुरी संगत से बचा सकते हैं।  

Table Of Contents 

1)अपने बच्चों को जरूरी समय दे।

2) अपने बच्चों की हर बात को मन ना करें।

3) अपना बच्चा किन दोस्तों के साथ में रहता है इसकी जानकारी रखें।

4) अपने बच्चों के साथ दोस्ती वाला रिश्ता रखें।

5) बच्चों के साथ ज्यादा सक्ति ना करें।

अपने बच्चों को लगने वाली बुरी संगत से बचने के लिए मां-बाप को अपनाना चाहिए यह पांच तरीके।

1)अपने बच्चों को जरूरी समय दे

  अपने बच्चों को लगने वाली बुरी संगत से बचाने के लिए मां-बाप को उन्हें अपना जरूरी वक्त देना बहुत आवश्यक है।आप अगर अपने बच्चों को पर्याप्त समय देते हैं तो आपके और  बच्चों के बीच एक दोस्ती का नाता हो जाता है। इससे बच्चे कोई भी बात अपनी दिल की अपने मां-बाप से नहीं छुपाते ऐसा करने से बच्चा आसानी से दिल की बात आपसे करेगा और किसी भी तरह की कोई मुश्किल या परेशानी हो तो बच्चा आपके सामने खुलकर आएगा।बच्चों को पर्याप्त समय देने से आपका बच्चा बुरी संगत से दूर रहेगा।


2) अपने बच्चों की हर बात को मन ना करें

  बच्चा कभी भी आपसे कोई चीज मांगे या किसी चीज की फरमाइश करें तो हर बात पर उसे मना ना करें।ऐसा करने से बच्चों के अंदर जिद्दीपन आ सकता है। ऐसा करने से वह आपकी बातों को अनसुना कर सकता है।आप अपने बच्चों की जो जायज मांग है उसे पूरा करने की पूरी कोशिश करें और उसे समझाएं कि यह चीज गलत है और यह चीज सही है ऐसा करने से बच्चा आपकी बात आपकी मानेगा और सही गलत कि उसे पहचान हो जाएगी।


3) अपना बच्चा किन दोस्तों के साथ में रहता है इसकी जानकारी रखें 

  आपका बच्चा दिन भर में किन दोस्तों के साथ रहता है।यह आपको जानकारी होना बहुत आवश्यक है,क्योंकि आपको अपने बच्चों की बुरी संगत से बचने के लिए आपका बच्चा किन दोस्तों के साथ में रहता है।इसकी जानकारी होना जरूरी है।आप यह ध्यान रखें कि आपका बच्चा कोई बुरी संगत वालों के दोस्तों के साथ में तो नहीं रहता।अगर ऐसा है तो अपने बच्चों को वहां से धीरे-धीरे दूर करने की कोशिश करें।अगर आप एकदम से उसे कहेंगे तो नहीं होगा।आपको धीरे-धीरे उसे दोस्त के संगत से उसे दूर करना है ऐसा करने से आप अपने बच्चों को बुरी संगत में रहने से या बुरी आदतों से बचा सकते हैं।


4) अपने बच्चों के साथ दोस्ती वाला रिश्ता रखें

मां-बाप को अपने बच्चों के साथ एक दोस्ती वाला रिश्ता रखना चाहिए।अपने बच्चों के साथ दोस्ती वाला रिश्ता रखने से आपको अपने बच्चों की बुरी संगत से दूर रखने में बहुत मदद हो सकती है,क्योंकि बच्चे जब भी कोई मानसिक तनाव या कोई परेशानी में होंगे तो आपसे खुलकर बात करेंगे क्योंकि बच्चों को बात करने के लिए कोई साथी चाहिए होता है।अगर आप उनके साथ में ऐसा रिश्ता नहीं रखेंगे तो कोई दोस्त  के साथ वह यह बात शेयर करेंगे और उनसे नजदीकियां  बढ़ेगी अगर वह दोस्त बुरी संगत वाला निकला तो आपके बच्चे को भी बुरी संगत लगने की आशंका होती है।अगर आप अपने बच्चों के साथ दोस्त बनकर दोस्तों जैसा व्यवहार करेंगे तो बच्चे को अकेलापन महसूस नहीं होगा वह आपसे हर बात आकर शेयर करेंगे अगर आप अपने बच्चों को बुरी संगत से बचाना या दूर रखना चाहते हैं तो उनके साथ दोस्ती वाला रिश्ता रखें।


5) बच्चों के साथ ज्यादा शक्ति ना करें

बच्चों के साथ ज्यादा सक्ति से पेश आने पर बच्चों का दिल टूट जाता है।वह  मायूस हो जाते हैं।अपने बच्चों के साथ जितना हो सके उतना नरमी से पेश आना चाहिए।जब बात कुछ ज्यादा हो तब गुस्सा होगा तो चलेगा,लेकिन ज्यादातर  अपने बच्चों के साथ नरमी का  व्यवहार रखें क्योंकि बच्चे इमोशनल होते हैं।वह ज्यादा समझदार भी होते हैं आप उन्हें कोई बात प्यार से समझाएंगे तो वह आसानी के साथ में हो बात समझ पाएंगे। वही बात अगर आप उन्हें गुस्से से समझाएंगे तो वह बात बिगड़ जाएगी।  मां-बाप को चाहिए कि बच्चों के साथ में जितना हो सके उतना नरमी से पेश आकर उन्हें बात समझाएं और नर्म वाला व्यवहार अपने बच्चों के साथ में रखें।


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