होली यह त्यौहार एक धार्मिक पारंपरिक और सांस्कृतिक त्यौहार है पूरे भारत में इसका अलग ही जश्न और उत्साह हमें देखने को मिलता है।होली में आपस में भाईचारा, प्रेम और सद्भावना का त्यौहार है।
होली 2024👉होली का पूरे भारत में बेसब्री से इंतजार रहता है।बसंत का महीना लगने के बाद ही इसका इंतजार पूरे लोगों को लगा हुआ रहता है।फाल्गुन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा की रात होली का दहन किया जाता है और उसके अगले दिन होली पूरे भारतवर्ष में मनाई जाती है। भारत में हिंदू धर्म के अनुसार होली का दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। होली यह सांस्कृतिक,धार्मिक और पारंपरिक त्यौहार है जो पूरे भारत में हमको देखने को मिलता है।इसी के साथ ही होली के दिन हमें आपस में भाईचारा और प्रेम भी देखने को मिलता है।होली के दिन हर परेशानियों को भूलकर सभी लोग रंगों में शामिल होकर अपनी-अपने खुशियां बांटने के लिए एक दूसरे को रंग लगाकर एक दूसरे से खुशियां बांटते हैं।
पूर्णिमा तिथि👉 फाल्गुन पूर्णिमा को होली का दहन और उसके अगले दिन होली मनाई जाती है।इस साल फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 24 मार्च रविवर को सुबह 9:54 से शुरू होगी।इस स्थिति का समापन अगले दिन यानी 25 मार्च सोमवार को दोपहर 12:29 पर होगा।
होली की महत्त्व👉 होली पर्व को बसंत ऋतु का संदेशवाहक माना जाता है इस प्रकार धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है।इस दिन सभी लोग आपसी मतभेद बुलाकर एक दूसरे को रंग लगाते हैं।जिसमें लाल रंग बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।ऐसा इसलिए क्योंकि लाल रंग प्यार और सौहार्द का प्रतीक माना जाता है।जिससे आपसी प्रेम और स्नेह बढ़ता है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होली का दहन और होली के दिन भगवान श्री कृष्णा,श्री हरी और कुल देवी–देवताओं की पूजा करने से सभी नकारात्मक शक्तियों का नाश हो जाता है और जीवन में सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसलिए होली को महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है।
होली रंगों का त्योहार👉 होली दहन के अगले दिन ही रंगों की होली का त्योहार शुरू हो जाता है।इसके साथ ही अलग-अलग प्रकार के रंगों के साथ होली मनाई जाती है।होली यानी रंगों का त्यौहार। होली शब्द सुनते ही आंखों के सामने कुछ रंग छा जाते हैं।अब यह सिर्फ भारत का त्यौहार नहीं रहा।होली त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। होली एकता का त्यौहार है।यह लोगों को जाती या धर्म की परवाह किए बिना सबको त्यौहार मनाने के लिए एक साथ आते हैं और रंगों के साथ अपनी खुशियां एक दूसरे से बांटते है।
होली का वैज्ञानिक करण👉
◼️ होली के दहन पर सुखी और गंदी चीजे को जलाया जाता है।जिससे वसंत ऋतु में नए जीवन की शुरुआत होती है।
◼️ हल्दी जैसे प्रकृति रंगों का इस्तेमाल किया जाता है जिससे शरीर शुद्ध होता है।
◼️ होली की परिक्रमा करने से शरीर को आग की सेक लगती है,जिससे शारीर फायदा होता है।
◼️ होली की आग से शरीर में गर्मी पैदा होती है और बैक्टीरिया मर जाते हैं।
साजन! होली आई है। सुख से हंसना जी भर गाना। मस्ती से मन को बहलाना।पर वह हो गया आज साजन! होली आई है। हंसाने हमको आई है।
साजन! होली आई है। इसी बहाने क्षण भर गा लो। दुखमय जीवन को बहला लो। कर ले मस्ती की आज साजन। होली आई है।
(फणीश्वर नाथ रेणु )
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